한국어 日本語 中文简体 Deutsch Español हिन्दी Tiếng Việt Português Русский LoginJoin

Login

welcome

Thank you for visiting the World Mission Society Church of God website.

You can log on to access the Members Only area of the website.
Login
ID
Password

Forgot password? / Join

South Korea

वर्ष 2014 नरसिंगों के पर्व और प्रायश्चित्त के दिन की पवित्र सभा

  • Nation | कोरिया
  • Date | September 24, 2014
नरसिंगों के पर्व की पवित्र सभा – पश्चाताप के नरसिंगे फूंककर विश्वास का तेल तैयार करें

नरसिंगों का पर्व
तीन बार के सात पर्वों की शुरुआत मूसा के कार्यों से हुई।
इस्राएली फसह का पर्व मनाने के बाद मिस्र से निकले और लाल समुद्र पार करके जंगल में पहुंचे। मूसा परमेश्वर की बुलाहट मानकर सीनै पर्वत पर दस आज्ञाएं प्राप्त करने के लिए चढ़ गया, और उसने वहां चालीस दिन और रात उपवास किया। लेकिन जब मूसा को पर्वत पर से नीचे उतरने में देर हो रही थी, इस्राएलियों ने सोने का एक बछड़ा बना लिया और उसे दण्डवत् करने का पाप किया। इसके परिणाम में मूसा ने दस आज्ञाओं की तख्तियों को पर्वत के नीचे पटक कर तोड़ डाला। उस दिन, परमेश्वर के क्रोध के कारण लगभग तीन हजार लोग मारे गए।
उसके बाद इस्राएलियों ने अपने सारे गहने उतारे और अपने पापों के लिए पश्चाताप किया। तब परमेश्वर ने फिर से मूसा को सीनै पर्वत पर बुलाया और दस आज्ञाओं की अनुमति दी। जिस दिन मूसा दूसरी बार दस आज्ञाओं के साथ नीचे उतरा, वह दिन ही पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का दसवां दिन, यानी प्रायश्चित्त का दिन था। इस्राएलियों ने प्रायश्चित्त के दिन से 10 दिन पहले, यानी सातवें महीने के पहले दिन से शुरू करके पश्चाताप के लिए नरसिंगे फूंकते हुए प्रायश्चित्त के दिन की तैयारी की। यह नरसिंगों के पर्व की शुरुआत थी(निर्गमन का 32वां और 34वां अध्याय; लैव 23:23–25)।


नरसिंगों के पर्व से झोपड़ियों का पर्व शुरू होता है जो तीन बार के सात पर्वों के तीसरे भाग में शामिल है। वर्ष 2014, यानी आत्मिक जुबली के वर्ष में कोरिया के बुंदांग में स्थित नई यरूशलेम मंदिर सहित दुनिया भर के 175 देशों में करीब 2,500 चर्चों में 24 सितम्बर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पहला दिन) को नरसिंगों का पर्व मनाया गया।

सुसमाचार की फसलों की कटाई करने के शरद् ऋतु के पर्व के अवसर पर, माता ने पिता को हमें प्रायश्चित्त के दिन की पवित्रता से तैयारी करने के लिए नरसिंगों का पर्व मनाने की अनुमति देने के लिए धन्यवाद दिया और प्रार्थना की कि संतान स्वर्ग और पृथ्वी पर किए गए अपने सभी पापों का अंगीकार करें और सच्चे दिल से पश्चाताप करें। माता ने हमसे यह भी विनती की कि हम सब एक होकर पूरे संसार में पश्चाताप का नरसिंगा फूंकें और पर्याप्त आत्मिक तेल तैयार करें ताकि हम पूर्ण विश्वास के साथ स्वर्ग जाने के लिए तैयार हो सकें।

ⓒ 2014 WATV
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “इस्राएली जिन्होंने पाप किया था, पश्चाताप करने के द्वारा दुबारा दस आज्ञाएं प्राप्त कर सके। यह इतिहास हमें बताता है कि विश्वासियों को जो अन्य कार्यों से पहले करना चाहिए, वह पश्चाताप है।” पश्चाताप का महत्व सिर्फ निर्गमन के समय में ही नहीं, बल्कि पूरी बाइबल में बतलाया गया है। यीशु ने स्वर्ग का सुसमाचार प्रचार करते हुए पुकारा, “मन फिराओ!” और प्रेरितों ने जिन्होंने पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा पाया, और पौलुस ने भी ऐसा ही किया।

ⓒ 2014 WATV
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने यह कहकर सदस्यों से अनुरोध किया, “परमेश्वर ने, जो किसी भी व्यक्ति को नष्ट नहीं होने देना चाहते, हमारे जीवन को पश्चाताप करने के मौके के रूप में दिया है। जब हम एक छोटे से पाप सहित अपने सारे पापों का अंगीकार करें और दिल की गहराई से पश्चाताप करके परमेश्वर को प्रभावित करें, तो हमें पापों की पूर्ण क्षमा मिल सकेगी।” उन्होंने यह कहकर कि सच्चा पश्चाताप मसीह के उदाहरण का अनुकरण करना है, सदस्यों को प्रोत्साहित किया कि वे प्रथम चर्च का वह इतिहास फिर से दोहराएं, जिसमें प्रेरितों ने उन यीशु के उदाहरण का अनुकरण किया जिन्होंने आत्माओं को बचाने के लिए अपने आप को समर्पित किया था, और पूरी मेहनत से सुसमाचार का प्रचार करके एक दिन में तीन हजार लोगों को पश्चाताप कराया(मत 4:17; प्रे 2:37–41; प्रे 17:30–31; यहेज 33:17–19; 2पत 3:8–9; नीत 29:1)।

सदस्यों ने इस दिन से लेकर प्रायश्चित्त के दिन तक, यानी 10 दिनों तक भोर को और शाम को अपने पिछले सभी पापों और अपराधों का अंगीकार करने के लिए आराधना में भाग लिया।

प्रायश्चित्त के दिन की पवित्र सभा – प्रायश्चित्त का अनुग्रह जो परमेश्वर के बलिदान से प्राप्त हुआ

प्रायश्चित्त का दिन
प्रायश्चित्त का दिन वह दिन है जब मूसा दूसरी बार दस आज्ञाओं की पत्थर की पटियाएं लिए पर्वत पर से नीचे उतरा। पुराने नियम के समय जब भी इस्राएली पाप करते थे, तब वे भेड़, बकरी, आदि पशु को पापबलि के रूप में चढ़ाते थे, और उनके 1 वर्ष तक किए गए पाप पवित्रस्थान के ऊपर सौंपे जाते थे।
और महायाजक वर्ष में एक बार, प्रायश्चित्त के दिन परम पवित्रस्थान में प्रवेश करके इस्राएलियों के पापों को शुद्ध करता था। उस समय दो बकरों पर चिट्ठियां डाली जाती थीं। एक बकरा परमेश्वर के लिए पापबलि के रूप में चुना जाता था, और दूसरा बकरा अजाजेल के रूप में चुना जाता था जो शैतान को दर्शाता है। उस प्रायश्चित्त के दिन लोगों के सारे पाप, जो एक साल तक पवित्रस्थान में इकट्ठे होते थे, अजाजेल के ऊपर सौंपे जाते थे, और अजाजेल को किसी निर्जन मरुभूमि में भेजा जाकर वहां मरना पड़ता था।
यह इतिहास दर्शाता है कि हमारे मेमने यीशु मसीह जो पवित्रस्थान की वास्तविकता हैं, प्रायश्चित्त की बलि के रूप में स्वयं हमारे पापों को अपने ऊपर उठाते हैं और प्रायश्चित्त के दिन हमारे सारे पापों को शैतान के ऊपर सौंपते हैं जो पाप का मूल है(लैव्यव्यवस्था का 16वां अध्याय; यूह 1:29; यिर्म 17:13)।


ⓒ 2014 WATV
जिस प्रकार इस्राएलियों ने सिर पर धूल डालकर उपवास करते हुए आंसुओं से अपने पापों का अंगीकार किया था, सदस्यों ने 10 दिनों तक भोर को और शाम को अपने पापों का अंगीकार किया और पश्चातापी मन से पछतावे की प्रार्थना की और 3 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का दसवां दिन) को प्रायश्चित्त के दिन की पवित्र सभा पवित्रता से रखी।

माता जिन्होंने सारी प्रार्थना अवधि में स्वर्गीय संतानों के पापों की क्षमा और उद्धार के लिए ईमानदारी पूर्वक प्रार्थना की थी, यह विनती की कि संतानों की 10 दिनों तक पश्चातापी मन से की गई सारी प्रार्थनाएं स्वर्ग तक पहुंचें और सब संतानों पर प्रायश्चित्त का अनुग्रह रहे। माता ने यह भी विनती की कि जैसे इस्राएलियों के सारे पाप अजाजेल के ऊपर सौंपे जाते थे, वैसे ही संतानों के सारे पाप शैतान पर सौंपे जाएं जो परमेश्वर का विरोध करता है और सुसमाचार पर बाधा डालता है, ताकि शैतान का अधिकार नष्ट हो सके। माता ने आशा की कि संतान जो पापों की क्षमा पाकर शुद्ध ठहरी हैं, केवल प्रेम के साथ आत्माओं को बचाने का प्रयत्न करें।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने प्रायश्चित्त के दिन की शुरुआत और भविष्यवाणी की पूर्ति के बारे में बताया और कहा, “हमारे पाप मुफ्त में गायब नहीं होते। ये परमेश्वर के बलिदान के द्वारा क्षमा होते हैं जिन्होंने हमारे बदले दुख उठाया। हमारे पापों के लिए किए गए परमेश्वर के प्रायश्चित्त के महान कार्य को अपने मन पर उत्कीर्ण कीजिए और परमेश्वर के ऊपर अपने पापों को न लाद दीजिए।” उन्होंने कहा, “जैसे परमेश्वर ने हमें क्षमा किया है, हम भाई–बहनों के पाप और गलतियों को क्षमा करके सम्पूर्ण प्रेम पूरा करें। पुराने नियम के समय प्रायश्चित्त के दिन जुबली के वर्ष की घोषणा पूरी की गई; इस्राएल के लोग जो दास–दासी बने थे, स्वतंत्रता पा सके, अपने पूर्वजों की संपत्ति वापस पा सके, और अपनी निज भूमि में लौट सके। इस आत्मिक जुबली के वर्ष में प्रायश्चित्त के दिन के अर्थ को याद करते हुए उन बहुत सी आत्माओं को जो पाप और मृत्यु के दास बनी हैं, परमेश्वर की ओर ले आएं(यश 53:1–12; इफ 1:7; इफ 4:29–32; 2कुर 2:5–11; मत 6:12)।”

आराधना के बाद माता ने सदस्यों को सांत्वना दी जिन्होंने 10 दिनों तक भोर और शाम को निरन्तर प्रार्थना की थी, और कहा, “पिता के बलिदान को महसूस कीजिए जो पापियों के लिए दुखों के मार्ग पर चले, और पाप कभी न कीजिए। और बहुत आत्माओं को पापों से फिराने का मिशन पूरा कीजिए।” सदस्यों ने यह कहते हुए माता के शब्दों का जवाब दिया, “आमीन,” और दुख उठाकर उनके पापों को क्षमा करने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देते हुए झोपड़ियों के पर्व के आगमन की तैयारी की।
Church Intro. Video
CLOSE
TV
ASEZ humanitarian volunteers collect, donate new backpacks for local kids
Internet
Volunteers collect 5,000 kg trash from Magsungay coastal area
TV
WORLD MISSION SOCIETY CHURCH FO GOD, NAGSAGAWA NG BLOOD DONATION DRIVE